आजा मेरे कन्हियाँ बिन माजी के सहारे,
डुभे गई मेरी नैया आजा मेरे कन्हियाँ,
बैठे है आप ऐसे सुनता नहीं हो जैसे,
नैया हमारी मोहन उतरे गी पार कैसे,
तुझे क्या पता नहीं है मजधार में पड़े है,
आजा मेरे कन्हियाँ बिन माजी के सहारे,
मेहनत से हमने अपनी नैया थी इक बनाई,
लेकिन भवर में मोहन कोशिश न काम आई,
हारे है हम तो जब भी तूफानों से लड़े है,
आजा मेरे कन्हियाँ बिन माजी के सहारे,
पतवार खेते खेते आखिर मैं थक गया हु,
श्याद तू आता होगा कुछ देर रुक गया हु
वनवारी बेबसी में चुप चाप खड़े है,
आजा मेरे कन्हियाँ बिन माजी के सहारे,