त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविड़म त्वमेव,
त्वमेव सर्वम् मम् देव देव,
माता तू ही गुरु दाता तू ही,
मित्र भ्राता तू ही धन-धान्य भंडारो,
ईश तू ही जगदीश तू ही,
मम शीश तू ही प्रभु राखनहारो
राव तू ही उमराव तू ही,
सत्य-भाव तू ही मम नैन को तारो
सार तू ही करतार तू ही,
घर-द्वार तू ही परिवार हमारो
सोम तू ही और व्योम तू ही,
निज ओम तू ही मम प्राण अधारो