मीरा नाचे रे, मेडतनि नाचे रे
के घुँगरू छम छमा छम छनन न न न बाजे रे
हरी मंदिर रे माय मे आ मीरा नाचे रे ॥
मीरा गड़ सू उतरी रे रानो जी पकड़ो हाथ
हाथ थे म्हारो छोड़ दो राणा
मुख सू कर ल्यो बात ॥।के घुँगरू
मीरा नाचे मेडता मै सखिया मिन्दर माय
मीरा बाज़वे घुँगरा रे
सखिया बाज़वे थाल॥॥
जहर को प्यालो राणा भेजियो दिज्यो मीरा रे हाथ
कर चरना मृत पी गयी रे
सहाय करी रघुनाथ ॥॥
सर्प पिटा रो राणा भेजियो दिज्यो मीरा रे हाथ
घाल गला मे पेरियो रे
हुई गयो नवसर हार ॥॥
मीरा बाई री विनती थे सुन ज्यो कृष्ण मुरार
शरण आयो डारी लज्जा राखियो चार भुजा रा नाथ ॥॥