मैं कावड़ उठाऊ गा जल शिव को चडाऊ गा सावन को आने दो,
मैं शिव को नेह्लाऊ गा शिंगार से रंग दूंगा सावन को आने दो
शिव का महिना ये महान है माने ये सारा जहान है
जो भी पूजे गा भोले नाथ को उसका पूरा हर काम रे
ये सब को बताऊ गा ये सब को सुनाऊ गा सब को नचाऊ गा
सावन को आने दो
भोले की करलो अराधना जीवन की यही सची साधना,
दुश्मन न करे कभी सामाना
दुश्मन होगी चूर कामना
दुश्मन को भगाऊगा संकट को मिटाऊ गा महाकाल को जाऊँगा
सावन को आने दो
तीनो लोको का ये नाथ रे,
इस की करूँ मैं क्या बात रे
दिल का होगा जब साफ़ रे घर में होगा ठाठ बाठ रे
मैं शिव को मनाऊ गा सिर को झुकाऊ गा
मन में व्साऊ गा
सावन को आने दो