मेरी कावड़ को करो स्वीकार तुम,
हे तिरलोकी भोले नाथ जी,
लाखो दर पे कावड़िया आये है,
भोले बोले की रख लो लाज जी,
बम बम भोले बोल रहे है भक्त तेरे अलबेले है,
काँधे उपर उठा के कावड मस्ती में ढोल रहे है,
मेरे सिर पे रखो भोले हाथ तुम मेरी नैया के हो पतवार जी,
लाखो दर पे कावड़िया आये है,
भोले बोले की रख लो लाज जी,
बहुत दिनों से आस लगी थी कावड़ मैं भी लाउगा,
गंगा जल से भर के क्यारी भोले को निहलाउगा,
भोले देते हो सब को वर तुम तेरे चरणों का नागर दास जी,
लाखो दर पे कावड़िया आये है,
भोले बोले की रख लो लाज जी,