महाकाल मेरे उज्जैन के राजा हैं,
दुखिया रहे हैं दुखड़े अपने महाकाल को सुनाना है,
अब के सावन में हमने बस एक ही जिद को ठाना है,
जाना है पास जाना है,
उज्जैन नगरिया जाना है…….
टूटे कभी ना महाकाल से यह जन्मों का बंधन,
करने चला महाकाल पर जीवन अपना अर्पण,
उज्जैन जाना भी मेरे दिल का यह अरमान है,
धन दौलत क्या चीज है इसको दुनिया में रह जाना है,
जाना है बस जाना है उज्जैन नगरिया जाना है………
रोकना रास्ता जाने दे मुझको महाकाल ने बुलाया है,
वहीं पर जाकर कहूंगा मैं किस-किस ने मुझे रुलाया है,
एक तेरे सिवा ओ बाबा कोई ना सुनने वाला है,
बस तू ही अपना है भोले जग सारा बेगाना है,
जाना है बस जाना है उज्जैन नगरिया जाना है……
महाकाल लोक का यह मंजर कितना सुहाना होगा,
कितनी दुआएं लब पर ले कर बैठा दीवाना होगा,
उस मांगते की सुनके सदाएं महाकाल जब आएंगे,
बेशक फिर उस दीवाने की किस्मत ही खुल जाना है,
जाना है बस जाना है उज्जैन नगरिया जाना है……….
मांग रहे हैं तुझ से ओ बाबा झोली फैलाकर भीख,
तेरे दर से जो भी मिलेगा मेरे लिए सब ठीक,
मेरी नहीं औकात ओ बाबा सब कुछ मैं पा जाऊं,
एक नजर कर दो ओ बाबा मिलने तुमसे आना है,
जाना है बस जाना है उज्जैन नगरिया……….