ओ बंदे सब कुछ है तेरे पास
समझ न आया फिर काहे की करता फिरे तलाश,
ओ बंदे सब कुछ है तेरे पास
हीरनो जैसे वन वन ढोले भरता दुःख और तिरास,
अन्दर बस्ती कस्तूरी न होती पूरी आस रे बन्दे
सब कुछ है तेरे पास .......
पल में हसना पल में रोना पल में होए उधास,
हसी कौन सी अंतर मन में पता न तेरे पास रे बंदे
सब कुछ है तेरे पास .,............
रटने नाम हरी का बंदे जब तक तन में स्वास,
भीतर जागे ज्योत ज्ञान की होये अजब परकाश रे बंदे
सब कुछ है तेरे पास .,............