प्रेम की डोर जब से बंधी आपसे

प्रेम की डोर जब से बंधी आपसे,
दिल हुआ है दीवाना मेरा सँवारे

वस् गये मेरे नैनो में तुम इस तरह सीप में बंध मोती रहे जिस तरह,
बंद आखे भी बाते करे आप से,
दिल हुआ है दीवाना मेरा सँवारे,
प्रेम की डोर जब से बंधी आपसे,

देखता हु जिदर आये तू ही नजर क्या हुआ है मुझे ये नहीं है खबर,
मिल रही हर ख़ुशी तेरे नाम से,
दिल हुआ है दीवाना मेरा सँवारे,
प्रेम की डोर जब से बंधी आपसे,

श्याम प्रेमी तू कुंदन अगर बन के देख,
पल में कैसे बदल ती है किस्मत की रेख,
मिलती शक्ति है कान्हा तेरे नाम से,
दिल हुआ है दीवाना मेरा सँवारे,
प्रेम की डोर जब से बंधी आपसे,

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