मेरी नैया फसी जब भी मजधार मेरी नैया,
मेरी मैया बनी मेरी पतवार है मेरी मैया
जग की लेहरो के थपेड़ो ने घेरा मेरे अपनों ने मुझसे मुह फेरा
तेरी रेहमतमिला दर ये तेरा
मेरी रातो को मिला है सवेरा
तेरी किरपा से नैया भव पार है
मेरी नैया फसी जब भी मजधार मेरी नैया,
मेरी पतवार हाथो से छुटी मेरी तकदीर मुझ से है रूठी
आस जिनसे लगाई थी जग में
लाज मेरी ही उन्हों ने लुटी
मैया अब तो सहारा तेरा द्वार है
मेरी नैया फसी जब भी मजधार मेरी नैया,
काले बादल गरज के हुंकारे,
छोड़ दी कश्ती तेरे सहारे तेरी ज्योति ने किये है इशारे
आये घर आ तू मैया के द्वारे
बिट्टू मैया ने सुन ली पुकार है
मेरी नैया फसी जब भी मजधार मेरी नैया,