पापी को भी देती है तार माँ नर्मदे अमृत है तेरी धार ,
अमृत है तेरी धार हो रेवा मैया अमृत है तेरी धार,
युग युग तेरी जय जय कार माँ नर्मदे सब की है तू रखवार
पापी को भी देती है तार माँ नर्मदे अमृत है तेरी धार ,
सांझ शेहर में निरमल जल में जग मग ज्योत बहाऊ,
निशदिन तेरी करू आरती तेरी महिमा गाऊ माँ,
सब की नैया को करती है पार माँ नर्मदे सब की है तू रखवार
पापी को भी देती है तार माँ नर्मदे अमृत है तेरी धार ,
तेरे दर्शन से ही माता सारे मुक्ती पाते,
जो भी तेरे शरण में आये भव से वो तर जाते माँ,
तोफानो से देती उबार माँ नर्मदे छोड़ना न कभी मजधार
पापी को भी देती है तार माँ नर्मदे अमृत है तेरी धार ,
ऋषि मुनि सब देवी देवता करते तेरा बखान
तू ही सुख देने वाली माँ जन जन कर करे गुण गान,
कीर्ति पे करे उपकार माँ नर्मदे जीवन का कर उपकार
पापी को भी देती है तार माँ नर्मदे अमृत है तेरी धार ,