खाटू में विराजे मेरे बाबा दीना नाथ,
बिगड़ी बनाते सब की देते हारे का वो साथ,
खाटू में विराजे मेरे बाबा दीना नाथ,
बड़ी ही निराली है ये खाटू नगरियाँ
ता ता लगा रहता मेरे श्याम की दुवरियां,
राजा न रंक देखे न देखे जात पार 
बिगड़ी बनाते सब की देते हारे का वो साथ,
श्याम नाम से याहा गूंजे धरती अम्बर सारा
आते जाते जय श्री श्याम का लगता जय जैकारा 
खाटू की गलियों में मिलते है दीना नाथ 
बिगड़ी बनाते सब की देते हारे का वो साथ,
रिंग्स से खाटू की थोड़ी ही दुरी 
श्याम दरबर में होती सब की ईशा पूरी 
मन चाहा फल मिलता होती किरपा की बरसात 
बिगड़ी बनाते सब की देते हारे का वो साथ,
रुभी रिधम तेरी महिमा गाते श्याम प्यारे 
रेहते तेरी सेवा में सांझ सकारे 
दया निधि मेरे बाबा कभी छोड़ न दीन का हाथ 
बिगड़ी बनाते सब की देते हारे का वो साथ,