.मेरी नाव भवर मेंडोले डाग माग खाए हिचकोले ..२
कही डूब ना जाये बाबा आब तो आके शुध ले ले ,
श्याम आओ श्याम आओ,
लाचार हुई ही बाहेंपतवार संभल न पाये,
बिन तेरे कौन दयालु, मेरी कश्ती पार लगाये ,
इस अनजानी चिंता में मन खोया होल हौले,
कही डूब.......
मजबूर हुआ हु कितना जग को कैसे बतलाऊ,
दिल चोर नहीं हे मेरा कैसे विशवास दिलाऊ,
मेरी बंद पड़ी किस्मत के अब तू ही खोले ताले
कही डूब..........
तेरी दातारी के किस्से दुनिया से सुने है दाता,
अब मेहर करे तो जानु हारे का तू साथ निभाता,
तेरा हर्ष अकेला कहदे दुःखड़ो को कैसे झेले,
कही डूब.....