माँ मुझे सुरों का ज्ञान दे नित गाऊ तेरी मैं वंदना॥
शारदा सुमन अर्पित करू तेरी करू अराधना॥
विद्या की देवी ज्ञान दे मेरी कल्पना को उड़ान दे,
नई भावना नई चेतना नए ज्ञान का विज्ञानं दे,
पूजा ना जणू तेरी माँ कैसे करू तेरी अर्चना,
माँ मुझे सुरों का.......
चिंतन मण से करू तेरी करू मैं साधना,
माँ मैं कुछ नही तेरे बिना जो रूठी तो लू गा मना,
मेरे कंठ मै आ विराजो माँ मेरे सावरो को सभालना,
माँ मुझे सुरों का.......
हे विधिया ज्ञान पर्धयनी मुझे ज्ञान का वो परकाश दो,
सदगुण माँ वेह्बब शालनी शक्ति और विशवाश दो
घर घर में स्वर सरिता बहे हो जग मे तेरी उपासना
माँ मुझे सुरों का.......