शेरावाली की नजर जिस पे पड़ने लगी,
देखो तकदीर उसकी सवर ने लगी,
माँ के पावन नवराते आ गए,
घर घर में जगराते होने लगे,
जिस घर अंगना माँ की पावन ज्योत जगी,
देखो तकदीर उसकी सवर ने लगी,
आजा बन के सवाली माँ के दवार पे,
तेरा जीवन सवर जाये माँ के नाम से,
जो भी दर आया गया नहीं खाली कभी,
देखो तकदीर उसकी सवर ने लगी,
ज्वाला माँ तेरे सब दुःख हरे गी,
चिंतपूर्णी माँ तेरी सारी चिंता हरे,
सच्चे मन से करले जो मैया ये भगति ,
देखो तकदीर उसकी सवर ने लगी,
अष्टमी का देखो वो दिन आ गया,
कंजको का बुलावा लगने लगा,
हलवा पूरी का भोग लगा कर करू आरती,
देखो तकदीर उसकी सवर ने लगी,