आ जाओ श्याम प्यारी इतनी किरपा तो करदे,
मेरे सिर पे हाथ दर दे,
तुझे दिल में बंद कर के दरया में फेंकू चाभी,
जब तू समाये दिल मे मिट जाए हर खराबी
दीवाना बन के घुमु मुझको प्रभु ये वर दे
आ जाओ श्याम प्यारी इतनी किरपा तो करदे,
स्वार्थ के सब पुजारी इस दिल में भर गए थे
सारे के सारे मुझको घूम नाम कर रहे थे
तेरी राहो में चलू अब एसी मुझको डगर दे
आ जाओ श्याम प्यारी इतनी किरपा तो करदे,
चिंतन सदा हो तेरा दूजी नही है चाहत,
झोली पसार मांगू देदे मुझे ये दोलत,
कण कण में तुझको देखू मुझको वो नजर दे
आ जाओ श्याम प्यारी इतनी किरपा तो करदे,
दर पे झुका जो मस्तक कही और ये झुके न
चरणों में ये है विनती मेरी लेकनी रुके न
गाऊ तेरे तराने बिन्नू को वो हुनर दे
आ जाओ श्याम प्यारी इतनी किरपा तो करदे,