आयो फागुन रंग रंगीलो भरियो खाटू धाम में मेलो
आवे लाखो ही नर नारी रंग हाथ में ले पिचकारी
मेला श्याम धनि को आयो बलमा
मेंलो फागुन को इब के घुमा दे बालमा
मने श्याम धनि से मिला दे बालमा
तेरी मती गई से मारी तने चढ़ रही घनी खुमारी
इस की सेठा के संग यारी क्यों न बात समज तेरे आ रही
चोटी चादर में पैर पसारू किया बांवाली
कैसे फागन का मेला घुमा दू बांवली
तने श्याम से कैसे मिला दू वानवली,
होली खेले श्याम दीवाने संग बाबा के मस्ताने
बज रहे ढोल के चंग नगाड़े लग रहे सुंदर बड़े नजारे
झूमे धरती अम्बर संसार बालमा
मेंलो फागुन को इब के घुमा दे बालमा
मने श्याम धनि से मिला दे बालमा
जी मेरा भी से कर रिहा खाटू गए हो गया अरसा
छु रही आसमान महंगाई अब की तनखा भी नही आई
कैसे खर्चा चले गा इस बार वांबरी
कैसे फागन का मेला घुमा दू बांवली
तने श्याम से कैसे मिला दू वानवली,
छोड़ चिंता कल की सारी खुद देखे गो श्याम बिहारी
मेरे श्याम की लख दातरी जाने है दुनिया सारी
तू भी चरणों की धाक लगा ले बालमा
मेंलो फागुन को इब के घुमा दे बालमा
मने श्याम धनि से मिला दे बालमा
तू से जीती मैं हारा ले लिया श्याम नाम का सहारा
तेरे बात मान ली सारी पूनम कर ले अब तयारी
माना मेला फागन का सब से न्यारा वनवाली
कैसे फागन का मेला घुमा दू बांवली
तने श्याम से कैसे मिला दू वानवली,