ना मालूम किसने भरमाया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
नीर नयनो मैं भर आया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
उठो बीर मेरे मुख से बोलो, कहा लग्यो तेरे तीर,
नीर नयनो मैं भर आया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
देख-देख मोहि फाटे छतिया, किसको कहु मेरी मन की बतिया,
ओर न दूजा कोय, सुरतन मन में घभराया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
ना मालूम किसने भरमाया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
नीर नयनो मैं भर आया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
मेघनाथ की शक्ति चली है ओर ना दूजा कोय, सुरतन मन में घभराया
पवन सूत अब तक नहीं आया,
घर जाऊँ तो पूछे मेरी माता, संग में लेगया वन में जाता,
कँहा छोड आयो बीर नीर नयनो मैं भर आया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
लोग कहे तिरया के कारन छोड़ आयो बीर
नीर नयनो मैं भर आया, पवन सूत अब तक नहीं आया,
हनुमान सजीवन लाये लक्मण को घोट पिलाये,
उठ मिले दोनों बीर, तुलसी दास जस गया पवन सूत अब तक नहीं आया,