आ गया मैं ओ संवारे तेरे द्वार पे

आ गया मैं आ गया मैं ओ संवारे तेरे द्वार पे,
ओ हारे के सहारे श्याम हमारे,
मेरी भी बिगड़ी को तू ही सवारे
आ गया मैं आ गया मैं ओ संवारे तेरे द्वार पे,

देखे है मैंने तेरे पर्चे बाबा हर घर में बस तेरे चर्चे बाबा,
दूर था तुमसे ये मेरी नादानी है जान गया मैं तू ही सचा दानी है
ओ हारे के सहारे श्याम हमारे मेरी भी बिगड़ी को तू ही सवारे
आ गया मैं आ गया मैं ओ संवारे तेरे द्वार पे,

अपनों ने ही मुझको बाबा लुटा है प्रेम भरोसे का धागा अब टुटा है,
फिर से कृष्ण का बन के बाबा आओ गे
आज सुदामा का क्या साथ निभाओ गे
ओ हारे के सहारे श्याम हमारे मेरी भी बिगड़ी को तू ही सवारे
आ गया मैं आ गया मैं ओ संवारे तेरे द्वार पे,

मोर छड़ी तेरी जब जब लहराती है
पतझड़ में सावन का महीना लाती है
आज भी अपनी मोर छड़ी लेहराओ न
आकश पे बाबा अपना प्यार लुटाओ न
ओ हारे के सहारे श्याम हमारे मेरी भी बिगड़ी को तू ही सवारे
आ गया मैं आ गया मैं ओ संवारे तेरे द्वार पे,

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