खाटू का जादू ऐसा सर जिसके चढ़ जाए,
पत्थर दिल वाला भी तेरे दर पे आँसू बहाए,
खाटु का जादू ऐसा...
श्याम बगीची की वो महिमा सारा जग है जाने,
माटी में सब लोट लगाते बाबा तेरे दीवाने,
बेटा जैसे बाप की गोद में सर रख कर सो जाए,
खाटु का जादू ऐसा.
तेरे दर का ओ सांवरिया ऐसा नशा चढ़ जाता,
बिन पर के जैसे एक पंछी देखो उड़ नहीं पाता
मछली जैसे बिन पानी के तड़प तड़प मर जाए,
खाटु का जादू ऐसा...
तू हारे का सहारा बाबा इसीलिए कहलाता,
एक बार जो दिल से पुकारे लीले चढ़ के आता,
मेरे तो परिवार का मुखिया तू ही घर को चलाए,
खाटु का जादू ऐसा.....
तेरे अहसानो का बदला चुका नही मैं पाँउ,
ले लूँ चाहें जितने जन्म मैं कर्ज उतार ना पाँउ,
मिलता सबकुछ तेरे दर से जो धीरज कर जाएं,
खाटु का जादू ऐसा........