श्याम प्रेमी तू खाटू ले चल लू मेरे संवारे की खबर,
उसने खाया पीया के नही जागा होगा वो रात रात भर,
भगतो की चिंता करता ही रहताफरयाद सबकी सुनता ही रहता,
खुद की फिकर वो करता नही है सूद अपनी वो रखता नही है,
सबके जीवन में खुशिया भरे सब पे वो बरसाए मेहर,
श्याम प्रेमी तू खाटू ले चल .............
भगत पुकारे तो दोड़ा ही आये नही पल भर के देर वो लगाये,
संकट सभी के हरता है बाबा झोलियाँ सभी की भरता है बाबा,
थक गए होंगे उसके कदम चलता रहता है दिन भर,
श्याम प्रेमी तू खाटू ले चल............
मैया से कह दूंगा उसे सम्जाये वाही सम्जाये तो मुझे चैन आये,
निर्मल के मन में वेचैनिया है क्यों की वो बाबा ही मेरी दुनिया है,
करले आराम दो घडी मेरे दिल में ही करले बसर,
श्याम प्रेमी तू खाटू ले चल .............