किसने देखा उसको लेकिन मन में भारी आस है,
खाटू वाला श्याम धनि हम भगतो का विश्वाश है
अन्तर्यामी को सेवक तू खोज रहा अकारो में,
नहीं मिलेगा मेरा बाबा मंदिर की दीवारों,
इक गरीब की आंख में मेरे श्याम धनि का वास है,
खाटू वाला श्याम धनि हम भगतो का विश्वाश है
कर्मा की चिखड़ में वस्ता मीरा की उस प्यार में,
नरसी की हुण्डी में बैठा गज की करूँ पुकार में,
सच्चे मन से नाम पुकारा पल में हुआ अब्बास है,
खाटू वाला श्याम धनि हम भगतो का विश्वाश है
कही ज्योत में नीला घोडा छम छम नाच दिखाता,
जय श्री श्याम किसी सेवक की रोटी पर छिप जाता है,
यही कही बैठा वो छुपकर निज भगतो के वो पास है,
खाटू वाला श्याम धनि हम भगतो का विश्वाश है
छप्पन भोग कभी न खाये हरष तुम्हे बतलाता है,
आडमबर करने वाले का गर्व हमेशा खाता है ,
इस के आगे ढोंग करे जो निश्तित उसका नाश है,
खाटू वाला श्याम धनि हम भगतो का विश्वाश है