शीश निभाता है संसार तेरी मोरछड़ी के आगे,
झुक गए बड़े बड़े सरदार तेरी मोर छड़ी के आगे,
कोई श्याम का भगत सतावे तब क्रोध श्याम ने आवे,
दानव भाग गए खूंखार तेरी मोर छड़ी के आगे,
शीश निभाता है संसार
जो करे श्याम की भगती जाने वो श्याम की शक्ति,
कट गई पापी की तलवार तेरी मोर छड़ी के आगे,
शीश निभाता है संसार
नीले पे है लीला धारी
बना बरबरीक वनवारी,
पापी पोंछे सागर पार तेरी मोर छड़ी के आगे,
शीश निभाता है संसार
मेरे बल रोगी थी काया जब श्याम नाम मैं गाया,
बन चंचन काया झाड़ा जब मोर छड़ी का लागे,
शीश निभाता है संसार
जब भी दास रमेश पुकारे बाबो ही दियो सहारो,
मस्तक झुकते बार बार तेरी मोरी छड़ी के आगे,
शीश निभाता है संसार