आज मेरे श्याम मेरे घर आये
आज मेरे भाग्य जो सवर आये,
आस तेरे दर्श की अधूरी
आज बरसो के बाद हुई पूरी
करे पल पल किलोल नाचे मन का ये मोर
देखे कान्हा को नजरे जिधर जाए
आज मेरे श्याम मेरे घर आये
कहा तुझको बिठाऊ मैं संवारे मेरे नैना हुए आज वन्वारे,
ख़ुशी मन में अपार पाया तेरा जो प्यार
जैसे जादू सा कोई कर जाए
आज मेरे श्याम मेरे घर आये
अपने भगतो की खातिर कन्हाई तूने लीला ये कैसी दिखाई
कभी माखन का चोर कभी नन्द किशोर कभी भगतो का चाकर तू बन जाए
आज मेरे श्याम मेरे घर आये
कान्हा जब भी बुलाऊ चले आना
अपने भगतो को दर्श दिखाना,
मैं सुदामा तेरा मान रखना मेरा
नाम तेरा मेरी सांसो में बस जाए
आज मेरे श्याम मेरे घर आये