यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने

यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने,
घ्याल हो गई पल में के गजरा गिर गया यमुनाजल में,

लेने गगरियाँ गई थी बजारियां,
बजारियां में मिल गया वो बांके सांवरियां,
गगरी मेरी छीन के उसने बाईया मरोड़ी,
बाई यु मरोड़ के पूछे क्या मर्जी है तेरी,
फिर ऐसे मैं शरमाई निकला वो तो हरजाई,
चली गई इक पल में, के गजरा गिर गया यमुनाजल में,
यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने

प्रीत में उसके एसी खोई ना मैं जागी ना मैं सोई,
मेरा अंचल पायल का जल तीनो कर गया घ्याल,
थर थर काँपे मेरी काय ढोल रह मेरा मन,
फिर कांटे कटे न वो नैना वैरी छीन के लै गयो छैना,
छली गई इक पल में गजरा गिर गया यमुना जल में,
यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने
श्रेणी
download bhajan lyrics (980 downloads)