कान्हा रे कान्हा रे भक्ति तेरी साची,
कैसे जाऊ दर छोड़ के,
तेरे हाथो में हैं मेरे मन की ड़ोरी,
ना तुने छोड़ी ना मेंने छोड़ी,
वापस जो जाऊंगा खिंचा चला आऊंगा,
ना जाऊं तेरी गली छोड़ के...
झूठा हैं ये जग सारा सच्चा नहीं,
तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं,
मुश्किल है पाना तुझको मेंरे कान्हा,
फिर भी मनाऊं हाथ जोड़ के...
भक्ति में तेरी तन रंग लिया,
तन क्या है मेने मन रंग लिया,
अब चुप न रहना बस इतना कहना,
दूर मत जाना तू छोड़ के...
Bhajan Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
Bhajan Voice - Jay Prakash & Priya Verma, Indore