कान्हा तेरी नजर बुरी है वह नजर लगी है,
ऐसी क्या तू हूर की परी है तो है नजर लगी है.....
ऊपर ली में क्या है निचरली में क्या है,
बीज कि मैं क्या कुछ भरी है तो है नजर लगी है.....
ऊपर ली में माखन निचरली में मिश्री,
बीच में रतन दही है मोह नजर लगी है.....
कहां से आवे माखन कहां से आवे मिश्री,
कहां से रतन दही है तो है नजर लगी है......
गोकुल से आवे माखन दाऊजी से मिश्री,
वृंदावन से रतन दही है मोह नजर लगी है.....
कौन खावे माखन फोन खावे मिश्री,
कौन खावे रतन दही है तो है नजर लगी है....
ग्वाला खाने माखन दाऊ खावे मिश्री,
कान्हा खावे रतन दही है मोह नजर लगी है.....