आज शक्ति लगी है लखन को,
वैध तुझको बुलाना पड़ेगा,
मेरे प्राणों से बढ़कर है लक्ष्मण,
प्राण उनका बचाना पड़ेगा,
ओ पवन के ललन तुम ही जाओ,
रघुबंशी की लाज बचाओ,
मेरा लक्ष्मण अगर न बचा तो,
प्यारी सीता गवानी पड़ेगी,
आज शक्ति लगी हैं लखन को,
वैध तुझको बुलाना पड़ेगा,
सुनते ही हनुमत पल में सिधारे,
वैध के संग में घर भी ले आये,
वैध बतलाये संजीवन लाओ,
भोर से पहले लाना पड़ेगा,
आज शक्ति लगी हैं लखन को,
वैध तुझको बुलाना पड़ेगा,
आज शक्ति लगी है लखन को,
वैध तुझको बुलाना पड़ेगा,
मेरे प्राणों से बढ़कर है लक्ष्मण,
प्राण उनका बचाना पड़ेगा,