अकाल मृत्यु वह मरे जो काम करे चंडाल का,
काल उसका क्या करें जो भक्त हो महाकाल का,
कर लूंगा दो दो बात मैं उस काल के आगे,
वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे,
रुतबा है भोलेनाथ का देवों के है अफसर,
बैठे हैं समाधि में वो गौरा के है हर-हर,
चम-चम चमकता चंद्रमा शिव भाल के आगे,
फीके पड़े सब हार मुंडमाल के आगे,
वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे,
मार्कण्डेय के गले पास वो यमराज ने डाली ,
भोले शंकर ने प्रकट हो उसकी मौत को टाली,
स्वामी है इसकी मौत बारह साल के आगे,
काल की चली ना शिव ढाल के आगे ,
वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे,
नंदी को भोलेनाथ ने मृत्यु से बचाया,
मृत्यु से बचाकर उसे गण अपना बनाया,
झुकता नहीं शिव भक्त किसी हाल के आगे,
चलती ना कोई चाल उनकी चाल के आगे ,
वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे
भक्तों को भोलेनाथ मालामाल कर दिया
खुशियों के खजाने को झोलियों में भर दिया
भक्ति बड़ी कमाल है मायाजाल के आगे
प्रेमी लगा ले ध्यान तू सुरताल के आगे
वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे
कर लूंगा दो दो बात मैं उस काल के आगे,
वो काल क्या करेगा महाकाल के आगे,
अपलोड- रवि सेन नरसिंहगढ़ "पांजरी"