लुट्टी लुट्टी बथेरी मौज लुटी,
जदो दा तेरा लढ़ फडिया॥
अपने बेगानिया ने फेर लिया अखियाँ,
असी ता उमीदा श्यामा तेरे उते रखिया,
मैं ता डोर तेरे हाथ सुट्टी,
बथेरी मौज लुटी....
जदों दा प्यार श्यामा तेरे नाल पा लिया,
इस दुनिया तो पल्ला मैं छुड़ा लिया,
मैं ता होर कमा तो छुटी,
बथेरी मौज लुटी....
जदों दी श्यामा मै वृदांवन आई,
इस दुनिया दी होश भुलाई,
मैं ता तेरी हो चुकी,
बथेरी मौज लुटी....
दर तेरे दा श्यामा सोहना नजारा,
दुनिया तो ऐ वखरा नयारा,
सारी दुनिया तेरे पीछे लगी
बथेरी मौज लुटी....