रसिया की रसीली बन गई रे,
कान्हा की रसीली बन गई रे,
मेरे मन मे बस गया श्याम मैं वृंदावन जाउंगी॥
मेरा सबकुछ लुटयो श्याम ने,
मैं तो जग मे हुई बदनाम मैं वृंदावन जाउंगी,
रसिया की रसीली बन गई रे,
मेरे मन मे बस गया श्याम मैं वृंदावन जाउंगी॥
सोऊ तो निंदियाँ आवे ना,
मैं तो तड़पुं आठो याम मैं वृंदावन जाउंगी,
रसिया की रसीली बन गई रे,
मेरे मन मे बस गया श्याम मैं वृंदावन जाउंगी॥
काले ने जादू कर दियो, कलुआ ने जादू कर दियो,
जग पागल कहे तमाम मै वृंदावन जाउंगी,
रसिया की रसीली बन गई रे,
मेरे मन मे बस गया श्याम मैं वृंदावन जाउंगी॥
रग रग मे बस गयो साँवरो,
तन मन मे बस गयो साँवरो,
अब जाऊ किसके द्वार मैं वृंदावन जाउंगी,
रसिया की रसीली बन गई रे,
मेरे मन मे बस गया श्याम मैं वृंदावन जाउंगी॥