आज शुक्रवार है माँ संतोषी का वार है
जीवन के इस युद शेत्र में रक्षा की दीवार है,
भगतो की रक्षा करने को माँ धरती पे आई है,
जिस ने भी इस माँ को पुकारा दोडी दोडी आई है,
ऐसा इसका प्यार है माँ संतोषी का वार है
जीवन के इस युद शेत्र में रक्षा की दीवार है,
बड़ी दयालु अति किरपालु संतोषी वरदानी माँ
पल में भाग पलट के रखते जग जगनी कल्याणी माँ
ऐसे ये दातार है माँ संतोषी का वार है
जीवन के इस युद शेत्र में रक्षा की दीवार है,
जो भी आये शरण में इसकी सब को गले लगाती है
बिन मांगे ही माँ संतोषी धन भेव्भ बरसाती है
सुन टी करून पुकार है माँ संतोषी का वार है
जीवन के इस युद शेत्र में रक्षा की दीवार है,