ऐ जीवन दाता सुन हम शरण पड़े तेरे
तुम जग के मात पिता हो हम बालक है तेरे
ऐ जीवन दाता सुन हम शरण पड़े तेरे
कोई जग में नही तुम सा ओ प्यार के सागर हो
फिर भी क्यों ये जग दाता मेरी खाली गागर हो
जिन कर्मो से तुम मिलो ऐसे कर्म बने मेरे
तुम जग के मात पिता हो हम बालक है तेरे
ऐ जीवन दाता सुन हम शरण पड़े तेरे
इस जग में है हम अकेले तुम साथी हमारे हो
ओ जग के पालनहारी हारे के सहारे हो
ओ सुन जग के माली हम सब फूल है तेरे
तुम जग के मात पिता हो हम बालक है तेरे
ऐ जीवन दाता सुन हम शरण पड़े तेरे