तर्ज:- ये दुनिया प्यार के किस्से मुझे जब भी सुनीता है वो लड़की याद आती है
तेरी यादों का वो मंजर मुझे कितना रूलाता है
तू जब जब याद आता है
क्या मालूम था कि गर्दिश का सितारा ऐसे टूटेगा
जीवन के सफर मे एक दिन तेरा साथ छूटेगा
तेरे बिन ऐ मेरे हमदम नही दिल चैन पाता है
तू जब जब याद आता है
तेरे होने की गर मुझको कही कोई आस मिल जाए
तमन्ना है मेरी इतनी मुझे तू काश मिल जाए
गुजारा साथ जो लम्हा वही नस्तर चुभाता है
तू जब जब याद आता है
बिखरती आस उल्फत की यही फरियाद करती है
चले आओ चले आओ निगाहें याद करती है
रूपगिर का दुखी नगमा तुम्हें हरदम बुलाता है
तू जब जब याद आता है
लेखक एवं गायक रूपगिरी वेदाचार्य जी म