जुग तारण हरी आविया ओ

जुग तारण हरी आविया ओ,
जुग तारण हरी आविया,
लियो जम्भेश्वर अवतार धिन गुरु देव ने,

माता हंसा ज्यारी केसरी,
पिता लोहट क्षत्रिय कुमार धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार......

जिला रे जोधपुर गाँव पीपासर,
जित अवतार लियो जम्भेश्वर,
कियो पीपासर उजियार धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार....

पंद्रह सौ आठे की साल में,
भादवे री आठम सोमवार धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार....

चारखूट और चोवदे भवन में,
घूमिय ओ सिरजन हार धिन गुरु देव ने
लियों जम्भेश्वर अवतार.....

जाम्भाणी पंथ सही कर मानो,
हैं खांडे री आ धार धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार.....

उनतीस नियम बताविया,
कोई इमारत पाल पिलाय धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार....

अनवी राजा निवाविया,
कोई शब्दों रो ज्ञान सुणाय धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार.....

रामकरण चरणों रो चाकर,
म्हाने भव सू ओ पार उतार धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार....

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