मेरे कंठ बसों महारानी मेरे सवरो को अपना स्वर दो,
गाऊ मैं तेरी वाणी
मेरे कंठ बसों महारानी..........
जीवन का संमीत तुम्ही हो माँ
आशाओं का दीप तुम्ही हो
सध सुधा से दामन भर दो मैं याचक तुम दानी
मेरे कंठ बसों महारानी..........
लेह और ताल का ज्ञान भी देदो माँ
सवर सरगम और तान भी देदो
मेरे शीश पे हाथ धरो माँ
सरस्वती कल्याणी
मेरे कंठ बसों महारानी..........
मेरे स्वरों को अपना स्वर दो
गाऊ मैं तेरी वाणी मेरे कंठ बसों महारानी..........