रुत झोलिया भरन दी आयी के मैया ने भंडार खोलिया हूँ सबदा,
ओहदे दर ते थोर्ड ना कोई के मंगने दी लोड कोई ना,
होई आ तयार मेरी माँ करदे सबनू निहाल मेरी माँ,
तेरी भवन जग तो निराला निराली तेरी शान अम्बिके सुन आमिये,
करो दूर हनेरे मन दे के जग दिए ज्योता वालिये,
होई आ तयार मेरी माँ करदे सबनू निहाल मेरी माँ,
जिथे पुरियां हों मुरदा के ओ दर मैया दा सुन भगता,
रहे नच दा लाल कवारा जिथे माँ लाल वंड दी,
होई आ तयार मेरी माँ करदे सबनू निहाल मेरी माँ,
नही छडनी गुलामी तेरी तू रख चाहे मार दतिये सुन आमिये,
मेरे वरगे करोड़ा दाती तेरे जेहा होर कोई ना,
होई आ तयार मेरी माँ करदे सबनू निहाल मेरी माँ,
तेरे दर ते यात्रु आये ओ मुखो जय जय कार बोलदे,
तेरा चंचल तरले पावे तू चरना च ला ला दतिये,
होई आ तयार मेरी माँ करदे सबनू निहाल मेरी माँ,