मैं तो फागुन के मेले में जाउगी नाचू गी सब को नाचूगी
मेरा श्याम बड़ा दयालु है भरता झोली भर भर लाऊंगी
मैं तो फागुन के मेले में जाउगी नाचू गी सब को नाचूगी
भरता है मेला फागुन में
भीड़ रेहती सदा श्याम आँगन में
श्याम बाबा के गुण मैं गाऊगी
नाचू गी सब को नाचूगी
फूलो से श्याम मेरा मेहक रहा
भगतो का मन बेहक रहा
छपन भोग मैं तुझको खिलाऊ गी
नाचू गी सब को नाचूगी
श्याम ध्वजा लेहराती रहे
कमल तेरे द्वार पे आती रहे
राजू श्याम चरणों में झुक जाऊगी
नाचू गी सब को नाचूगी