मेला बाबा का आया न्योता उसने भिजवाया
कहीं बीत ना जाये ये पल हमें जाकर नाम लिखाना
सारे रस्ते धूम मचाना है बाबा को नचाना है
फागुन का महीना भीड़ मचेगी भारी
खाटू नगरी जाने की आ गई अपनी बारी
बाबा तो प्यारा सजेगा भक्तों का मन हर्षेगा
सारे रस्ते धूम मचाना है बाबा को नचाना है
छुक छुक करती रेल गाडी निकली खाटू जाने की
टोली भक्तों की चली है श्याम का दर्शन पाने को
गाडी जहाँ रुक जाए हम खूब धमाल मचाएं
सारे रस्ते धूम मचाना है बाबा को नचाना है
एक अर्चना श्याम मेरी हर बार खाटू बुला लेना
अपनी चौखट पे कपि की हाज़री लगवा लेना
हर साल मैं दर तेरे आऊं तुझे प्यारे भजन सुनाऊँ
सारे रस्ते धूम मचाना है बाबा को नचाना है