सीताराम सीताराम सीताराम गाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
छोड़ सभी रिश्ते बस मान यही नाता
पिता रघुनाथ जी श्री जानकी जी माता
इसी भाव गंगा में डुबकी लगाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
दुनिया भर में काहे भटकता,
द्वारे द्वारे सीस पटकता
राम जी के पास एक अलख जगाये जा,
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,
क्या करना अब सो जन जन की,
किरपा दृष्टि जब रघुनन्दन की
राम की कृपा से नित मौज उड़ाये जा..
राम जी के चरणों में मन को लगाये जा,