तेरे चरणों में मैंने जब से गुरु जी अपना शीश झुकाया है,
बिन मांगे भर दी झोली मेरी तुझसे ही सब कुछ पाया है,
शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना
शुकाराना दिन रैन गुरु जी तेरा शुकराना
हर पल तेरी याद में गुजरे स्वास स्वास तेरा गुण गाना
शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना
दरबार बुलाया चरणों से लगाया
मुझे अपना बनाया कभी न ठुकराया
मेरे मन मंदिर में गुरु जी तेरी सुंदर छवि समाई है,
मेरा हाथ पकड़ के गुरु जी तूने सदा सच की राह दिखाई है
शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना
विश्वास जगाया मैंने तुझको है पाया
सत्संग में है बुलाया मुझे खुद से मिलाया,