मन में जिसके राम रमा गया
परमधाम परम सुख वो पा गया
जो श्री राम चरणों में समा गया
मन में जिनके राम रमा गया
काहें सुख के पीछे फिरता तू दौड़ा
जपले नाम हरि का जीवन है थोड़ा
है माया ठगनी तो ठग ले जानी है
गुमान करे क्या काया का
ये भी जग से जानी है
मन में जिनके राम रमा गया
जो प्रभु चरणों में समा गया
नर चोला है कभी हाथ ना आएगा
जिसे कहता था तू मेरा वो साथ ना जाएगा
किया क्या जग में तूने जो नाम ना कमाया
व्यर्थ तेरी वाणी जो मुख पे राम नाम ना आया
धर्म कर्म कर कर चाहे दान थोड़ा
ना काम आएगा जो तूने पाई पाई जोड़ा
काहें सुख के पीछे फिरता तू दौड़ा
सुमिर ले नाम हरि का जीवन है थोड़ा
जपले नाम हरि का जीवन है थोड़ा
मन में जिसके राम रमा गया
परमधाम परम सुख वो पा गया
जो प्रभु राम चरणों में समा गया