आए ना पवनसुत प्रातः हो रहा है,
जागो जागो लक्ष्मण भैया राम रो रहा है......
मेरे इस जीवन की दुख की कहानी,
छूट गई प्राणप्रिया छूटी रजधानी,
भाई लक्ष्मण का यह हाल हो रहा है,
जागो जागो लक्ष्मण भैया राम रो रहा है.....
क्या मुंह लेकर अयोध्या में जाऊंगा,
पूछेंगी मैया तो क्या बतलाऊंगा,
भाई के वियोग में राम रो रहा है,
जागो जागो लक्ष्मण भैया राम रो रहा है....
तुम्हारे लिए मैं भी मर जाऊंगा,
अपने भी प्राण भैया यहीं पर गवांऊंगा,
आखरी प्रणाम आज राम कर रहा है,
जागो जागो लक्ष्मण भैया राम रो रहा है.....
भाई के वियोग में श्री राम रो रहे,
उसी समय हनुमान बूटी लेकर आ गए,
घोट के पिलाई और होश आ गया है,
जागो जागो लक्ष्मण भैया राम रो रहा है.....