शिव की कृपा से प्राणी भव तर जाता है
शिव जी को एक लोटा जल जो चढ़ाता है
बिन मांगे वो बाबा आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार मेरे,भी मन को लुभाता है,
सावन में कांवर ले जो कोई आता है
बिन मांगे वो बाबा आपसे पाता है
जहां भी हो दरबार......................
कुंती के पूजित बाबा कुंतेश्वर,
भूवनों की रक्षा के प्यारे भुवनेश्वर
आकर यहां जो जल है चढ़ाता,
मन की मुरादे वह तुमसे पाता,
देवों का आपसे भी महादेव सा नाता है,
जहां भी हो दरबार........................
महादेवा लोधेश्वर अद्भुत नजारा,
रामेश्वरम श्री राम का प्यारा ,
पूजे है जिसको सारा जमाना,
रोते हुए मनका खिलखिलाना ,
दर्शन बिन ना उसको कुछ भी भाता है
जहां भी हो दरबार........................
.
काशी के बाबा विश्वेश्वर प्यारे,
नागेश्वर बागेश्वर नाम तुम्हारे,
केदारनाथ में धाम तुम्हारा,
टिकैतनगर शिव मंडल हमारा,
इसीलिए तो सचिन दर पर आता है
जहां भी हो दरबार..........................
शिव जी को एक लोटा जल जो चलाता है
बिन मांगे वह बाबा आपसे पाता है
सावन में कांवर ले लो कोई आता है
जहाँ भी हो दरबार मेरे भी मन...........
सिंगर व राइटर:सचिन निगम बाराबंकी मो.8756825076