शिव शंकर भोले नाथ तेरा डमरू बाजे पर्वत पे
तेरा डमरू बाजे पर्वत पे
शिव शंकर भोले नाथ तेरा डमरू बाजे पर्वत पे
तेरा नील कंठ पे धाम बना जित सबका बिगड़ा काम बना
सारे जग की रखले बात तेरा डमरू बाजे पर्वत पे
तेरा सब से रूप निराला से तू तो जोगी बड़ा मतवाला से
तेरा पूजन हो दिन रात तेरा डमरू बाजे पर्वत पे
तेरे जैसा ओह्गड़दानी ना तेरे जैसा कोई वरदानी न
मेरे भोले पिता और मात तेरा डमरू बाजे पर्वत पे