चली शिव शम्भु की बरात है ग्यारा लाख बाराती साथ,
बाँध लिया सर्पो का सेहरा अंग भभूती शिव ने रमा ली
लगा लिया नंदी पे आसन भंग की झोली संग लटका ली
पार्वती से व्याह रचाने चले है भोले नाथ,
चली शिव शम्भु की बरात है ग्यारा लाख बाराती साथ,
वेद मन्त्र पड़ते है भरमा शिव शिव गाये माँ ब्रह्मानी
चवर झुलाए श्री नारायण देख के शिव जाए बलिहारी
लक्ष्मी मैया ने लक्ष्मी की शिव पे करी बरसात
चली शिव शम्भु की बरात है ग्यारा लाख बाराती साथ,
सरस्वती की वीणा बाजी
मंगल काल करे पुरवाई
देव लोक है दे रहा शिव शम्भु को आज वधाई
दिन से भी ज्यदा उजली है देखो आज की रात
चली शिव शम्भु की बरात है ग्यारा लाख बाराती साथ,
भोले के चेलो की टोली हर हर हर महादेव है बोली
आगे आगे देवता सारे पीछे भूतो की रंगोली
दास पवन मुस्काये देख के डमरू शिव के हाथ
चली शिव शम्भु की बरात है ग्यारा लाख बाराती साथ,