ओ भोले भंडारी हमारे घर आ जइयो,
अखियाँ तरसे हमारी के दर्श दिखा जियो,
बहुत दिनों से आस लगाईं पर मेरी ना होई सुनवाई
अब की बिनती मेरी ना तू ठुकरा दियो,
ओ भोले भंडारी ..........
भागो से चुन चुन भांग मिलाओ,
प्रेम से पीस के तुज्को पलाऊ,
अपने हाथो से भोला मुझे भी पीला दियो,
हर दिन हर पल तुज्को पुकारू
कब तक तेरी राह निहारु कार्तिक गोरा गणेश को अपने साथ ले इयो
ओ भोले भंडारी .......