जब मौज में भोला आये डमरू हो मगन भजाये,
खोले जटाए छाए घटाए भदरा बरसे जम जम,
भोले रे भोले भोले बम बम.....
जेले के टोले ले संग भोले नाचे रे मगन मसाने में,
भंग की तरंग में अपने ही रंग में मेला लगा ले वीराने में,
धरती आकाश हिलाए नंदी जब नाग सुनाये,
अरे केलाश घुमे रे संसार झूमे रे बाजे नगाड़े बम बम,
भोले रे भोले भोले बम बम......
ना कोई रोके रे ना कोई टोके रे बम लेहरी बम बम लहरी,
क्या किसको देना है क्या किस से लेना है शिव जाने बाते गहरी,
शिव लीला समज न आए नित नए ये खेल रचाए,
शिव ही सजाये शिव ही सुनाये सांसो की ये सरगम,
भोले रे भोले भोले बम बम......