राम सुन लो मेरी बात तुम गौर से,
क्यों पराजित हुआ आपसे युद्ध में,
जानकी की वजह से ना मैं मर सका,
जानकी की तरफ से रहा शुद्ध मैं,
राम सुन लो मेरी बात तुम गौर
राज्य मेरा बड़ा कुल भी मेरा बड़ा,
बल भी मेरा बड़ा आयु मेरी बड़ी,
वेद चारों छहो शास्त्र कंठस्त हैं,
ज्ञान में भी बड़ा तुमसे प्रभुत्व में,
राम सुन लो मेरी बात तुम गौर
मेरे रहने व सोने को स्वर्ण महल,
है ख़जाना मेरा ये अवध से बड़ा,
देवता भी मेरे घर करे चाकरी,
देव राहों को कर देता अवरुद्ध मैं,
राम सुन लो मेरी बात तुम गौर
मैंने अपनों को ठुकरा के गलती करी,
बावरा तुमने अपने लगाए गले,
वो भरत तेरा भाई तेरे संग खड़ा,
मेरा भाई खड़ा मेरे विरुद्ध मैं,
राम सुन लो मेरी बात तुम गौर