राम नाम का सुमिरन करके भक्ति लोग कामबे ,
भक्ति करी मीराबाई ने पीया जहर का पियाला ,
कर गए किरपा बो बनबारी जिसको अमृत कर डाला
इन गाथौ को पड़ पड़ के भक्ति लोग कामबे ,
अबा गमन ........
भक्ति करी थी भक्त प्रह्लाद ने किया तुमने सुन पाई ,
गरम खभ को करबा कर के उससे दिए थे बांध बाई
चीटी रिंग ते देख खभ पे भक्त हिय मे हरसाई,
भरली कोली जा खंभे तनिक नहीं परबा खाई
देखो पिताजी मेरा स्वामी खभ बीच सामबे ,
अबा गमन ........
बीच सभा नारी द्रोपदी हरी को रही बुलाई ,
तनिक देर न करी हरी ने दीना चीर बड़ाई
कहे दुशासन नारी बीच साडी है या साडी बीच नारी है नारी की साडी है या साडी ही की नारी है
खींचत खींचत चीर दुशासन मन मे बहुत रिसाबे ,
अबा गमन ........