बोल बजरंग बलि की जय,
बोल पवन पुत्र हनुमान की जय
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
श्री राम के चरणों में बनते बिगड़े काम
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
उसकी शोभा है विष्णु में,
उसकी शोभा है मोहन सी।
तुलसी ने जब शीश झुकाया,
धनुष बनी कान्हा की बंसी।
राम की माया राम ही जाने
कण कण में श्री राम॥
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
श्री राम के चरणों में बनते बिगड़े काम
लिपट लिपट के राम चरण,
आँखों में गंगा जल भर ले।
श्री राम तो क्षमा शील है,
पापो को स्वीकार तू करले।
श्री राम के चरण कमल
जैसे बैकुंठ धाम॥
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
श्री राम के चरणों में बनते बिगड़े काम
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
बोल बोल तू राम रमैया,
जीवन फिर न मिलेगा भैया।
दुनिया तो भ्रम जाल है मुरख,
राम ही पार लगाये नैय्या।
राघव के चरणों में
पायेगा तू विश्राम॥
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
श्री राम के चरणों में बनते बिगड़े काम
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
बोल बजरंग बलि की जय,
बोल पवन पुत्र हनुमान की जय
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम
श्री राम के चरणों में बनते बिगड़े काम
बोले बोले हनुमान बोलो भक्तो सिया राम